आपरा साथे म्हारी बणी भी नी ;
वात असी कदी थां से ठणी भी नी !
मरु ने तो चाव घणों थो मेह रो ;
आज सुदी खबर मिली भी नी !
पाका घणा नेह रा ताना बाना ;
अणि में पैबंद कदी लगी भी नी !!
चाल्या भी तो उगमणे चाल्या ;
चाँद री वठे आमदणी भी नी !!
सगळी कड्यां तोड़ दी आत्मा री;
कठे टाँगूं हिवड़ो, वलंगणी भी नी !!
थें धरती रो बिस्वास मति तोड़जो ;
अम्बर जसी छतरी बणी भी नी !
''तनु'' विछावणों सोरो विजणा री हवा ;
आत्मा ने साता असी नागफणी भी नी !!.... ''तनु ''
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