कहाँ नदी अब नाले रह गए है;
सुनकर अनसुने नाले रह गए हैं!
उफनती सड़ांध बीमारी का घर;
डसते हैं नाग काले रह गए हैं!
सारा धन खर्चा दिखावे में होता;
काम सफाई के टाले रह गए हैं !
याद ये पुराने दिनों को करती है;
जल गयी, जल के लाले रह गए हैं!
दामन में आकर दुआएँ हैं करते;
वही हाथ कचरा डाले रह गए है!
जमीर बेचा ईमान नियामतें बेचीं;
बेईमान, मरे पानी वाले रह गए हैं!
तुम्हारी रवानी को नजर ही लगी ;
कि सारे बुरी नजर वाले रह गए हैं !.... ''तनु''
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