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Tuesday, September 26, 2017

कोई कह गया ;





उस ज़मी है चाँद  कोई कह गया ;
हूँ सोच कर हैरान कोई कह गया !

दूर है जाना और आबला पा हूँ मैं ;
उड़ परिंदों सा ये  कोई कह गया !!

मरहले कितने गिनोगे चलते हुए ;
सामने ही मंज़िल कोई कह गया 

नेकियाँ कितनी रही दरिया दिल में ;
थी डूबने की चाह  कोई कह गया !!

जिसने तपने की हमेशा ठान ली ;
वही तो सूरज है ये कोई कह गया !!.'' तनु ''

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