उसमें मुझमें कभी बनी ही नहीं ;
बात ऐसी कभी ठनी ही नहीं !
ढूँढता है सहरा घना बादल ;
आजतक उसकी ख़बर मिली ही नहीं !
प्यार का ताना बाना पक्का था ;
इसमें पैबंद कभी लगी ही नहीं !
जान आफताब पर छिडकना क्यों ??
चाँद की वहाँ आमदनी ही नहीं !
रख जमीं का पैमान खुदा मेरे ;
आसमां सी जबीं बनी ही नहीं !
तोड़ कड़ियाँ जमीर की जीयूँ ??
टाँग दूँ कल्ब वो अलगनी ही नहीं !
खुश्बुएँ बिखरी है हवाओं ''तनु'';
सुकून -ए -दिल को नागफनी ही नहीं !! ''तनु ''
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