Labels

Friday, September 1, 2017

मति मार करो रे !



 वात वात में मति जूतम पैजार करो रे ;
 तलवार दुधारी है मति मार करो रे !

चुभे है तोड़े है या मन री सबलता ;
चाशनी सी जबान मति खार करो रे !

सुर थें !!!असुर सरीखी क्यों घात करो हो; 
चुप रई ने सुणो-समझो मति रार करो रे !

हर बात पे बन्दूक हर बात पे चक्कू ;
थे धीरज व्रत धारो मति धार करो रे !

 रेवा दो गड्या मुर्दा वणाने उठाणो नी ;
 भली जान रो जीनो  मति दुश्वार करो रे !

 जात-पात,सच-झूठ, पापी ने पुण्यात्मा ;
 अरे!!! थें  पंच वणी  मति  उद्धार करो रे !!

भगावो  तो अणि अज्ञान ने भगावो थें;
बारूद री भट्टी में, मति  संसार करो रे !!.

वाचा समाल जो'तनु'घणी वलवल्या करे ;
साणा दाना रो जीवन मति भंगार करो रे  .. ''तनु ''


No comments:

Post a Comment