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Saturday, September 2, 2017








मैं !!!
जीना चाहता हूँ 
घबराया हुआ 
खौफ से 
हवा 
चलने को है
चलती नहीं है 

तरबतर हूँ 
पसीने से 
प्यास 
लगने को है 
लगती नहीं है 


खाना सामने है 
लज़ीज पकवान 
भी 
भूख
 लगने को है 
लगती नहीं है 

मैं!!!
मखमली 
बिस्तर पर 
हूँ पड़ा 
नींद आने को है 
आती नहीं है 

उजाला है 
आँखों में 
रौशनी भी है 
शमा जलने को है 
जलती नहीं है 

मैं !!!
फूल के मानिंद 
महकूँ
चिड़ियों की तरह 
चहकूँ 
कुछ यूँ ही
 बहकूँ 


हँसना चाह कर 
भी न हँस सकूँ 
सिर्फ एक
 ख्याल 
कल मेरी ''बलि'',,...''तनु ''

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