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Wednesday, March 5, 2014

दाँत

दाँत 


मुस्कान तेरी रहे अचल,
दाँत को सम्हाल के चल!
सफाई का रख ध्यान तू,,,
जहाँ को लेकर साथ चल!!

तिनके तिनके जोड़ी सी,
पीछे पीछे दौड़ी सी !
खान पान का ध्यान रखो, ,,
 उम्र दाँत की थोड़ी सी !!

दाँत  बिन मुस्कान ग़ुम ,
शब्द ग़ुम गान भी ग़ुम !
आवाज़ दो जवानी को तुम, ,,
है न जाने कहाँ वो ग़ुम !!

दाँत हो खीसे निपोरो,
मुस्काओ हँसी बिखेरो !
ठण्ड में कड़ कड़ का बाजा, ,,
चाहे तुम जितना बजालो!!

दाँत है तो दाद है,
फिर पेट भी आबाद है!
मुँह  पोपले मिश्री ही घुले, ,,
आशीर्वाद की इमदाद है!! ............. तनुजा  ''तनु'' 14 -02- 1981

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