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Saturday, March 29, 2014

अंधेरा घुप्प ?
कभी देखकर भी चुप्‍प ??
हाय नियति  !!
ये बुद्धिजीवी की कैसी ??????
एक दर्द अंदर लेकर जीना है !
लगता है सबको अभी कुछ और भोगना है !!
बुरी बातों के मजे लूटते खुश हो हो कर ,
अच्छी बाते मान न पाते मन मानी कर कर!
एक दर्द अंदर लेकर जीना है !
लगता है सबको अभी कुछ और भोगना है !!   तनुजा ''तनु'' 

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