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Wednesday, March 26, 2014

बंद और बंधन 


बंधन टूटे ,
जीवन पाया ,
माँ ,
का आँचल पाया !


मुट्ठी बंद ,
चिट्ठी किस्मत की !
मुट्ठी में.  ..........


बंद ,
आँखों में सपने ,
जीवन के !!


बंद ,
मुट्ठी में ,
रेखाएं है!
किस्मत की !!


बंधन ,
पगड़ी का !
बल में आन !!


मुट्ठी न खुले !
पगड़ी न खुले !!
सुनहरी सपने !!!
नयनों में घुले !!!!




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