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Wednesday, March 19, 2014

हो दिल
मस्ती में  तो
गुलाल उड़ायें हम
हो देश
मेरा खुशहाल
तो फाग गायें हम
हर दिन
एक अलग सा डर
है  हमको खाये जाता
कैसे मरते हुए को जिन्दा बतलाएं हम

वो होली क्या
जिसमें अमन जल जाए
चारों तरफ
नफरत की  आग लग जाए
है बम और बारूद
अपने पाँव के नीचे
सम्भालना पाँव कहीं घायल न हो जाए

मचाते शोर
ये  नेता
'कुर्सी ''आज मेरी है
ये स्व देश मेरा है
ये जन मानस मेरा है
पकाते स्वार्थ की खिचड़ी
लगाते दांव पर पगड़ी
रो रही जनता न जाने क्या झमेला है

याद है
वो गुलाल
भाल पर जो
आपके लगाया था
बड़ी आशाएं ले ले के
एक  सपना सजाया  था
तुम तो भ्रष्ट हो हो कर
नीचे गिर गए  इतने
उसी गुलाल को
तुमने किसी के खूं में मिलाया था


 वतन की
 बागडोर
 हाथ में लेकर
 तुम सवारोगे शान भारत की
तुम निखारोगे आन भारत की
कभी न डूबने देना नाम भारत का
कभी न डूबने देना नाम भारत का  ………… तनूजा ''तनु ''







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