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Tuesday, March 25, 2014

शराब    ................ 



एक एक दिन से जिंदगी तबाह हुई ,
शरीर तबाह हुआ जिंदगी लाचार हुई ,
दर दर को भटकते मजबूर हैं उनके बच्चे ,
बेटा अशिक्षित रहा बेटी अनाथ हुई !

क्या गटर में गिर कर स्वर्ग देखता है !
क्या जीते जी मरकर नरक देखता है !!
खूब जी भर के गला लो जवानी अपनी !!!
जूते चप्पल को सर अपने पड़ते देखता है !!!!

बेचने वाले भी बर्बाद होते हैं ,
बद्दुआओं के शिकार होते हैं !
पीता एक है असर कइयों पे होता है ,
परिवार पूरे तबाह होते हैं !

पीकर झूम झूम चले !
दुनिया को डराने चले !!
चाहे नशा हो या न हो !
लहराते मदमाते चले !!









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