तेल देखो और तेल की धार देखो
गंजों के सिर कंघे संवार रहे देखो
रोती रही जनता अश्रु की धार देखो
लेती रही इससे उससे उधार देखो
नेताओं की जब तब बहार देखो
इसकी गलती उसके रहे डार देखो
अपनी गलती नहीं रहे सुधार देखो .......तनुजा ''तनु ''......... 19 01 2014
गंजों के सिर कंघे संवार रहे देखो
रोती रही जनता अश्रु की धार देखो
लेती रही इससे उससे उधार देखो
नेताओं की जब तब बहार देखो
इसकी गलती उसके रहे डार देखो
अपनी गलती नहीं रहे सुधार देखो .......तनुजा ''तनु ''......... 19 01 2014
No comments:
Post a Comment