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Wednesday, March 19, 2014

नाम  .......... 

 नाम तस्वीर  में छुपे होते हैं,
 नाम तो मिश्री से भी मीठे होते हैं.
 नाम क्यों लिखूं मैं तुम्हारा,
नाम दिल पर लिखे होते हैं....

नाम धड़कन को बढ़ा देता है,
नाम प्रेमी को सजा देता है..,
नाम क्यों लिखूं मैं तुम्हारा,
नाम दिल की तड़प बढ़ा देता है.


नाम से टूट जाते दिल के बाँध हैं,
 नाम में   बिजली की कौंध है.
नाम क्यों लिखूं मैं तुम्हारा ,
नाम की कृत्रिम चकाचौंध है.

नाम से नींद भी उड़ जाती है,
नाम से कलियाँ भी खिल जाती हैं.
नाम क्यों लिखूं मैं तुम्हारा,
नाम से तन्हाई बहक जाती हैं.

नाम जब कल कोई तुम्हारा लेगा ,
नाम जब कल कोई मेरा  लेगा  । 
हम जब उड़ते हुए आकाश में समां जायेंगे ,
कोई कभी तो हमें याद कर लेगा।   तनुजा .''तनु ''....................





   
   

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