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Wednesday, March 26, 2014

माँ  ……… 

माँ !
 एक फूल सहेजे है  ..........
कलाकार !!
 कला सहेजे है
 कृति मानव की
 मानव  में समेटे है
माँ !
 एक फूल सहेजे है  ……। 

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