प्याला .............
प्रेम का प्याला पिया पिया ,
दुःख निवृत हो जिया जिया ,
ध्यान धारणा से मिली समाधि ,
जपूं राम और सिया सिया !!
सूरज ने ओस समेटी बादलों में भर दी !
बादलों ने बरसाई और धरा में भर दी !!
तू ही देता तू ही लेता ओ ऊपर वाले !
मांगे बिन तूने सबकी झोलियाँ भर दी !!
नैन पियाले आंसू के !
कैसे क्यों ये छलके !!
दिल में कुछ दर्द भरा था !
आया वो भर भर के !!
हूँ भर कर भी रीता रीता ,
अहसान तले क्यूँ कर जीता !
आज तो सारा हिसाब हो जाए ,
मैं मर मर क्यों हूँ जीता !!
दुआएं दो कि दामन कम पड़ जाये ,
नियामत इतनी कि झोली भर जाये !
उठा कर ले के चलो भरे प्याले को ,
इक बूंद भी छलक कर गिर न जाये !!
इक बूंद इक घूँट में फर्क होता है ,
पूरी बोतल से क्यूँ गर्क होता है !
पीने वाला पीकर तमाम हो जाये ,
ये आब नहीं है ये जहर होता है !
पीकर वो बहक बहक गए,
अरमान सारे मचल मचल गए !
हम न रहे हम तुम न रहे तुम अब ,
न जाने क्यूँ हम बदल बदल गए !!
प्रेम का प्याला पिया पिया ,
दुःख निवृत हो जिया जिया ,
ध्यान धारणा से मिली समाधि ,
जपूं राम और सिया सिया !!
सूरज ने ओस समेटी बादलों में भर दी !
बादलों ने बरसाई और धरा में भर दी !!
तू ही देता तू ही लेता ओ ऊपर वाले !
मांगे बिन तूने सबकी झोलियाँ भर दी !!
नैन पियाले आंसू के !
कैसे क्यों ये छलके !!
दिल में कुछ दर्द भरा था !
आया वो भर भर के !!
हूँ भर कर भी रीता रीता ,
अहसान तले क्यूँ कर जीता !
आज तो सारा हिसाब हो जाए ,
मैं मर मर क्यों हूँ जीता !!
दुआएं दो कि दामन कम पड़ जाये ,
नियामत इतनी कि झोली भर जाये !
उठा कर ले के चलो भरे प्याले को ,
इक बूंद भी छलक कर गिर न जाये !!
इक बूंद इक घूँट में फर्क होता है ,
पूरी बोतल से क्यूँ गर्क होता है !
पीने वाला पीकर तमाम हो जाये ,
ये आब नहीं है ये जहर होता है !
पीकर वो बहक बहक गए,
अरमान सारे मचल मचल गए !
हम न रहे हम तुम न रहे तुम अब ,
न जाने क्यूँ हम बदल बदल गए !!
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