याद ................
द्वार पर ईश्वर की फ़रियाद है,
एक सुगंधित महक याद है !
हम आज हैं पर कल नहीं,
सिर्फ याद है सिर्फ याद है !!
याद है दोधारी तलवार,
करती है दोहरी मार !
ग़म और ख़ुशी इसमें समाये ,
अच्छी याद दे जिंदगी संवार !!
याद इंसान का अर्जित खेत ,
वर्तमान हाथ की फिसलती रेत !
प्रात हुई.. सांध्य की बीती सुबह ,
जाना न कोई इसका भेद !!
यादें तिल तिल कर मारती ,
याद अतीत को निहारती !
मेरी याद सिर्फ मेरी याद,
एक अकेली मेरा साथी !!
खोकर इंसान बन जाता याद ,
पुरखे खो बन जाते याद !
आने वाला जाता ज़रूर,
स्वर्णिम होती उनकी याद !!
मैं भी खो बनूँगी याद ,
तुम सहेजना मेरी याद !
बन जाती अपना इतिहास ,
मेरी याद संग तेरी याद !!
कोई याद हो भूली बिसरी,
मीठी होती जैसे मिसरी !
आपकी अलग मेरी अलग ,
कोई उथली कोई गहरी !!
याद भौंरों का गुंजन है ,
याद भावों का अमृत है !
याद राज्य की सीमा नहीं,
याद इतिहास का हस्ताक्षर है !!!……………तनुजा ' तनु '27 07 2008
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