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Sunday, March 16, 2014

याद ................ 

द्वार पर ईश्वर की फ़रियाद है,
एक सुगंधित महक याद है !
हम आज हैं पर कल नहीं,
सिर्फ याद है सिर्फ याद है !!

याद है दोधारी तलवार, 
करती है दोहरी मार !
ग़म और ख़ुशी इसमें समाये ,
अच्छी याद दे जिंदगी संवार !!

याद इंसान का अर्जित  खेत ,
वर्तमान हाथ की फिसलती रेत !  
प्रात हुई..  सांध्य की बीती सुबह ,
जाना न कोई इसका भेद !!

यादें तिल तिल कर मारती ,
याद अतीत को निहारती ! 
मेरी याद सिर्फ मेरी याद, 
एक अकेली मेरा साथी !! 

खोकर इंसान बन जाता याद , 
पुरखे खो बन जाते याद ! 
आने वाला जाता ज़रूर, 
स्वर्णिम होती उनकी याद !!

मैं भी खो बनूँगी याद , 
तुम सहेजना मेरी याद !
बन जाती अपना इतिहास ,
मेरी याद संग तेरी याद !!

कोई याद  हो भूली बिसरी,
मीठी होती जैसे मिसरी !
आपकी अलग मेरी अलग ,
कोई उथली कोई गहरी !!

याद भौंरों का गुंजन है ,
याद भावों का अमृत है !
याद राज्य की सीमा नहीं, 
याद इतिहास का हस्ताक्षर है  !!!……………तनुजा ' तनु '27 07 2008 

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