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Friday, March 28, 2014

नव संवत्सर   ............. 

''नवसंवत्सर''  ''उगादि''  ''चैतीचांद''  ''गुड़ीपड़वा''  की  हार्दिक बधाइयाँ 

प्रस्फुटित हुई कली
कहानी
''आदि ''से
अंत तक चली
बनी कहानी युग की

''उगादि ''

पडवा पर चाँद
पहला
धीरे धीरे होता
रुपहला
चैत्र का विशेष चाँद

''चेती चाँद''

पड़वा
देवी का आव्हान
माँ
वंदन
वंदन अभिनंदन
 
''गुडी पाड़वा ''

सम्मिलित
स्वर  में अग्रसर
''अभिनन्दन नवसंवत्सर'' 


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