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Thursday, March 6, 2014

  बिगुल चुनाव का बज उठा है प्रजातंत्र के संग्राम की तैयारी पूरी कैसे        हुई ?…………… 


   ऐसे हुई.…………………  
  

   जब तलक दम में है दम

   मुक्का मार करो बेदम 
   
   राजनीति में मार की कीमत है

   मुक्केबाज़ रहो हरदम



  चाहो तो हंटर भी लाओ

  लाठी भाँजो बम बरसाओ
  
 इसकी उसकी टांग को खींचो

  बिलकुल न घबराओ तुम


  करो काम निकृष्ट निकृष्ट 

  बन जाओ   भ्रष्टों के भ्रष्ट 

  आला कमान, आका, राजा
   
  होकर भागे त्रस्तम त्रस्त 



 कुर्सी है आकाश का चंदा

 दलों का दलदल है गंदा

 बातें झूठी कर कर के

 फंसा लो डाल कर फंदा




अब नहीं कोई लाचारी है 

जम के खोलो ढोल की पोल

अपनी राहों की बारी है

संसद जाने की तैयारी है। ........तनुजा ''तनु'' ..... 

  
   

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