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Thursday, April 24, 2014

आंसू ही हैं जो इज़हारे  .... जज़बात करते हैं ,

कभी झील से तो कभी समंदर से बात करते है !

पर नज़रों  की उस झील का क्या ????

कुछ नमी लिए इश्क की  जो बात करते हैं !!!

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