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Thursday, April 17, 2014

सुप्रभात 



बारिश बाद सुहानी भोर यूं धुली धुलाई आई है !

धीमी - धीमी बयार बादलों में ऊषा मुस्काई है !!

अभी बरस उठेगा कोई बादल भूला भटका सा !

रिम झिम गीत सुना सावन की बदली छाई  है !! 


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