Labels

Monday, April 21, 2014


आज प्रकृति का रूप अनोखा  ............. 




 नटराज  !!!
 नृत्यरत हैं .... 
शीश से बहे गंग तरंग !
अर्ध चन्द्र हैं जटा जूट में  ,
हरित वर्ण की  गिरि श्रृंखला ....... 
बह्म ज्ञान उंडेले धरा यहाँ !!
द्वैत अद्वैत के मध्य खड़ा है !!
ब्रह्म ज्ञान का साधक अड़ा  है !!
ज्ञान गंगा हुई समाहित............. 
साधक के प्याले में ज्ञान भरा है  !!!!! तनुजा ''तनु ''





Photo: आज प्रकृति का एक नया रंग .....

पर्वत से फूटता जल-प्रपात ,
मानो कुदरत 
उड़ेल कर सुराही से मदिरा 
छलका रही हों 
झील नुमा प्याला ,
इसे देखते हुए जीना 
गोया ...
आँखों से घूँट घूँट
सोमरस  पीना |
पहाडी छटा ......
शायद धरती की सबसे बड़ी 
मधुशाला ..||

1 comment: