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Wednesday, April 9, 2014

बूढ़ी आँखों में सपने हैं ठंडक के  !
टूटी खाट पर सपने है जीवन के !!
ढ़ोल धमाके में है ढमा ढम ढमा ढम ! 
 दूर के ढ़ोल सुहाने है नेताओं के !! तनूजा ''तन''

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