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Monday, April 14, 2014

अपने भार से क्यों गिरे जाते हो !
अंदर से बड़े पोले नज़र आते हो !!
कभी तुम निगेहबान होते थे ,
आज गुलिस्ताँ  उजाड़ जाते हो !!

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