Labels

Sunday, April 20, 2014

गर्मियों की लम्बी दोपहर     …… कुछ न सूझे भाई !
इधर की तराजू उधर रख रहे ठाले  बैठे बनिया भाई !! तनुजा   ''तनु ''

No comments:

Post a Comment