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Saturday, April 12, 2014

अहिंसा 


महावीर प्रभु की याद में.!!!!
 दो अक्षर लिख दूँ !
वंदन नमन कर मन का !!
असंयम लिख दूँ !!!!
आज मौन उभर कर !
ढल गया शब्दों में !
 पीड़ा पहुंचाए !!
 शब्द ताप!!
 देखो ये कैसी ,
 बदजुबानी है !!!!
 भारत का वैष्णव जन !
 शब्दों से भी हो चला !
 हिंसक अभिमानी है !!!!
तन बंधन में ,
मन बंधन में , 
साँसे भी हैं बंधन में ,
कैसे वीतरागी ? कैसे मौनी ?
कैसे अहिंसक थे ? 
क्या इसी भारत भूमि पर जन्मे थे ?
चीत्कार कर रही धरा यहाँ !
 कर रहा मन क्रंदन लिख दूँ !!!!तनूजा ''तनु'' 

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