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Saturday, April 26, 2014

चन्दा और सूरज  ............. 



चन्द्र रोशनी नहीं तुम्हारी,
सूरज से ये है कैसी यारी !
रातों को ही तुम दिखते हो ,
ढूंढे दिन में नज़रें हमारी !!


ऊषा  की हैं आँखें लाल ,
चमकीला है उसका भाल !
दप दप जब सूरज दमके है , 
और दमकते उसके गाल !!


थका थका सा सूरज शाम ,
रात को चाहे विश्राम !
चन्दा आये लेकर तारे ,
होती नहीं कहीं पर घाम !!


काली रात के साये यहाँ ,
पता नहीं सूरज है कहाँ !
चन्दा तारे साथ हैं सारे ,
है सूरज सबका बागवां !!…तनुजा ''तनु''    

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