फिर ....
नयनों में दौड़ गया ,
वो दादी का ग़ाँव !
मोगजी का कुँआ ,
वो पीपल क़ी छाँव !!
पहले दादी की थी ये कहानी ,
फिर पापा की बनी कहानी
है यह आप बीती नहीं सुनी सुनाई !
ऐसी ही कहानी है ये सब पर बीते भाई !!
जगत की रीत यही है ,
यही सब होता आया !
ख़ुशी ख़ुशी मैंने इसको ,
इसलिए दोहराया ,
क्योंकि सठियाने का ,
अब मेरा जमाना आया !!!!!!!!!!! तनुजा " तनु ''
नयनों में दौड़ गया ,
वो दादी का ग़ाँव !
मोगजी का कुँआ ,
वो पीपल क़ी छाँव !!
पहले दादी की थी ये कहानी ,
फिर पापा की बनी कहानी
है यह आप बीती नहीं सुनी सुनाई !
ऐसी ही कहानी है ये सब पर बीते भाई !!
जगत की रीत यही है ,
यही सब होता आया !
ख़ुशी ख़ुशी मैंने इसको ,
इसलिए दोहराया ,
क्योंकि सठियाने का ,
अब मेरा जमाना आया !!!!!!!!!!! तनुजा " तनु ''
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