मैं जलता सा.... सूखा वृक्ष हूँ !
प्रीत तुम्हारी बिन अधूरा हूँ !!
तुम श्वेत बादल बन छा जाओ !
कितने ? जीवन मैं तरसा हूँ !! तनुजा ''तनु ''
चित्र ; अशोक कुमार विश्वकर्मा जी के पटल से साभार
प्रीत तुम्हारी बिन अधूरा हूँ !!
तुम श्वेत बादल बन छा जाओ !
कितने ? जीवन मैं तरसा हूँ !! तनुजा ''तनु ''
चित्र ; अशोक कुमार विश्वकर्मा जी के पटल से साभार
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