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Thursday, May 22, 2014

मैं दर्द की पुस्तक  …… लिखता हूँ कभी तू भी तो पढ़ ?
जीवन के हिसाब लिखता हूँ ....... . कभी तू भी तो पढ़ ?
ये जो जिन्दगी का.…… दंश .......  सह रहा हूँ मैं ,
मरके जी रहा,……  ……   वाकया कभी तू भी तो पढ़…तनुजा ''तनु ''

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