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Sunday, May 25, 2014
सियासत में, ज़रा चलो सही ''रपट ही रपट'' है
आंधी गयी, लगी है आग अब ''लपट ही लपट'' है !
''कलमकार'' के दिल के उद्गार छलकते रहेंगे !
कलम की शपथ सच्ची !! बाकी ''कपट ही कपट''
है
!!''तनु
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