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Sunday, May 11, 2014

चतुष्पदी शीर्षक ''जानवर ''


चाँद का खरगोश बैठा, रूई के बादल जोड़े !
सूरज रथ हाँक ले गये , सात रंग के घोड़े !!
उडगन सारे मिल भरते , सबके जीवन में रंग !
खुशियाँ हो जाती बहुत ,फिर  ग़म हो जाते थोड़े  !!तनुजा ''तनु ''



जानकर  न  जानवरों का हरण हो ! 
जानकर न जानवरों का मरण हो!! 
हैं सृष्टि के जीव विधाता के बनाये !
जानकर ही जीव का पोषण भरण हो !! तनुजा ''तनु ''



घर से निकलते  ही हो लकड़ी महिष का सामना ,
अधूरी रह जाया करती ऐसे मन की हर कामना !
राह में आती अड़चनें होता मुसीबतों का सामना ,
मन धारण कर गणेशजी मुश्किलों का हाथ थामना !! तनुजा ''तनु ''

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