चतुष्पदी शीर्षक ''जानवर ''
चाँद का खरगोश बैठा, रूई के बादल जोड़े !
सूरज रथ हाँक ले गये , सात रंग के घोड़े !!
उडगन सारे मिल भरते , सबके जीवन में रंग !
खुशियाँ हो जाती बहुत ,फिर ग़म हो जाते थोड़े !!तनुजा ''तनु ''
जानकर न जानवरों का हरण हो !
जानकर न जानवरों का मरण हो!!
हैं सृष्टि के जीव विधाता के बनाये !
जानकर ही जीव का पोषण भरण हो !! तनुजा ''तनु ''
घर से निकलते ही हो लकड़ी महिष का सामना ,
अधूरी रह जाया करती ऐसे मन की हर कामना !
राह में आती अड़चनें होता मुसीबतों का सामना ,
मन धारण कर गणेशजी मुश्किलों का हाथ थामना !! तनुजा ''तनु ''
चाँद का खरगोश बैठा, रूई के बादल जोड़े !
सूरज रथ हाँक ले गये , सात रंग के घोड़े !!
उडगन सारे मिल भरते , सबके जीवन में रंग !
खुशियाँ हो जाती बहुत ,फिर ग़म हो जाते थोड़े !!तनुजा ''तनु ''
जानकर न जानवरों का हरण हो !
जानकर न जानवरों का मरण हो!!
हैं सृष्टि के जीव विधाता के बनाये !
जानकर ही जीव का पोषण भरण हो !! तनुजा ''तनु ''
घर से निकलते ही हो लकड़ी महिष का सामना ,
अधूरी रह जाया करती ऐसे मन की हर कामना !
राह में आती अड़चनें होता मुसीबतों का सामना ,
मन धारण कर गणेशजी मुश्किलों का हाथ थामना !! तनुजा ''तनु ''
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