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Friday, May 16, 2014

तिमिर की बात नहीं ,, … है सूरज का दिन , 
शीतलता आये कहाँ से ,,  नित शशांक बिन !
शशांक रजनी की कहानी सूरज संध्या जैसी ,
जीवन क्यों कर होता ??...इन दोनों के बिन !! तनुजा ''तनु ''

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