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Saturday, May 24, 2014

दिल समंदर था तेरा मैं दरिया न हुई ,
बेबात बात निकली  मैं जरिया न हुई ,
काश !!! एक बूँद फ़लक से बरसी होती ??
धुँआ धुँआ सा ही रहा बदरिया न हुई !!तनुजा ''तनु ''


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