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Wednesday, May 21, 2014

रजनी कितनी ही काली हो छाती अरुणिम लाली ,
निशिगंधा जब खिली न देखा रात कितनी काली !
संघर्षों में जो वीर सच्चा आगे बढ़ता जाता है ,
शमशीर कहती शौर्य गाथा  बहते शोणित वाली !!तनुजा ''तनु ''

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