बहुत तमन्ना थी राह में गुल होंगे मगर ,
दर्द की बात थी दर्द से गुज़र जाने के बाद !
रुठते रुठते यूँ जिंदगी गुज़र जाएगी ,
मनाने की बात नहीं रूठ जाने के बाद !
मनाने की बात नहीं रूठ जाने के बाद !
जलते रहे झुलसते रहे तासीर थी जलने की ,
तीखी धूप निकली है बादल बरसने के बाद !
तीखी धूप निकली है बादल बरसने के बाद !
साँझ की बात साँझ को ही खतम होगी ,
दिल को इंतज़ार नहीं सांझ ढलने के बाद !
दिल को इंतज़ार नहीं सांझ ढलने के बाद !
परेशां हूँ तो कर ग़म दूर करने की बात,
बहुत काम पूरे करने हैं सहर होने के बाद !
कह गए हैं कि ये ''दिल से '' है आखिरी बार ,
अब क्या लिखेंगे ? ''दिल के '' निकल जाने के बाद !! तनुजा ''तनु''
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