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Tuesday, May 6, 2014

बहुत तमन्ना थी राह में गुल होंगे मगर ,
दर्द की बात थी दर्द से गुज़र जाने के बाद !

रुठते रुठते यूँ जिंदगी गुज़र जाएगी ,
मनाने की बात नहीं रूठ जाने के बाद !

जलते रहे झुलसते रहे तासीर थी जलने की ,
तीखी धूप निकली है बादल बरसने के बाद !

 साँझ की बात साँझ को ही  खतम  होंगी ,
 दिल को इंतज़ार नहीं सहर होने के बाद !

कह गए हैं कि ये ''दिल से '' है अन्तिम बार ,
जब भी लिखेंगे दिल के निकल जाने के बाद !! तनुजा ''तनु''

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