माया झूठी … उलझा मन ,
जीवन बीता ... सिकुड़ा तन !
टूटी पत्ती .... उड़ती जाये,
इसमें भटको … मत भरमाय !!
मन की सदा ही …सुनता चल ,
सुन कर मन में .... गुनता चल !
पता नहीं आँख कब ....मुंद जाये ,
इसमें भटको … मत भरमाये !!
छूटी लाज .... मन गर्वीला ,
भट्टी जली..... जला पतीला !
आँखों को तू… क्यों भटकाय,
इसमेँ भटको…मत भरमाय !!
दस सिर थे .... एक न रहा ,
आज बस आज… ही रहा !
मन बुझे तन .... गल जाये ,
इसमें भटको......मत भरमाय !!
चिता जलती.... धू - धू कर ,
मन उड़ता क्यों.... सपनो पर !
दुनिया में आया … सो जाये ,
इसमेँ भटको…मत भरमाय !! .... तनुजा ''तनु ''
जीवन बीता ... सिकुड़ा तन !
टूटी पत्ती .... उड़ती जाये,
इसमें भटको … मत भरमाय !!
मन की सदा ही …सुनता चल ,
सुन कर मन में .... गुनता चल !
पता नहीं आँख कब ....मुंद जाये ,
इसमें भटको … मत भरमाये !!
छूटी लाज .... मन गर्वीला ,
भट्टी जली..... जला पतीला !
आँखों को तू… क्यों भटकाय,
इसमेँ भटको…मत भरमाय !!
दस सिर थे .... एक न रहा ,
आज बस आज… ही रहा !
मन बुझे तन .... गल जाये ,
इसमें भटको......मत भरमाय !!
चिता जलती.... धू - धू कर ,
मन उड़ता क्यों.... सपनो पर !
दुनिया में आया … सो जाये ,
इसमेँ भटको…मत भरमाय !! .... तनुजा ''तनु ''
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