संध्या बोली ; ऊषा से ,
सखी दादुर मोर क्यों बोले ?
ऊषा बोली संध्या से
जब सूरज देखे धरा को ओ धरा बादल को तोले ,
पवन मीठे गीत सुनाये बादल मदिरा छलकाए ,
श्रावण स्वागत गीत सुनाये,
सखी दादुर मोर यों बोले !! तनुजा ''तनु ''
सखी दादुर मोर क्यों बोले ?
ऊषा बोली संध्या से
जब सूरज देखे धरा को ओ धरा बादल को तोले ,
पवन मीठे गीत सुनाये बादल मदिरा छलकाए ,
श्रावण स्वागत गीत सुनाये,
सखी दादुर मोर यों बोले !! तनुजा ''तनु ''
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