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Monday, May 19, 2014

संध्या बोली ; ऊषा से ,
 सखी  दादुर मोर क्यों बोले ?
ऊषा बोली संध्या से 
जब सूरज देखे धरा को ओ धरा बादल को तोले ,
पवन मीठे गीत सुनाये बादल मदिरा छलकाए , 
श्रावण स्वागत गीत सुनाये,
सखी दादुर मोर यों बोले !!  तनुजा ''तनु ''

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