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Friday, May 16, 2014

एक आँसू की बूंद नयन के कटोरे में ,
सिमट गयी एक झील अभ्र सकोरे में !
क्षितिज पर उभरा है आशा का इंद्रधनुष ,
एक अनकही कह जाएगा अबोले में !! तनुजा ''तनु ''

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