नमक ''समुद्र'' ''सांभर'' है , हर दिन सार.… नवीन,
स्वेद से संसार है , वह भी है.…… नमकीन !
कठोर परिश्रमी बना देते ''समुद्र'' ''सांभर'' झील ,
''पुरुषार्थी'' पुरुष बिना जीवन ………… सारहीन !! तनुजा ''तनु ''
स्वेद से संसार है , वह भी है.…… नमकीन !
कठोर परिश्रमी बना देते ''समुद्र'' ''सांभर'' झील ,
''पुरुषार्थी'' पुरुष बिना जीवन ………… सारहीन !! तनुजा ''तनु ''
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