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Tuesday, April 1, 2014

मौन के बैन मुखरित हुए पन्नों पर ,
क्या है ये मौन जो लिखा पन्नों पर !
तुम ही कहो इस पर रोऊँ या हँसूं मैं ,
जो लिख गए हो तुम इन पन्नों पर !!


पन्नों पर इतिहास मौन है ,
कहानी बन कहानी मौन है !
कह जाती कुछ कही अनकही ,
देख सुन कर सब जग मौन है !!


पन्नों पर उतरती कथाएं ऐसी ,
उन्मादित क्रोधित हँसाती रुलाती ऐसी !
साहित्य समाज का होता है आइना ,
रच गए साहित्यकार रचनाएं ऐसी !!


कुछ पन्ने फड़ फड़ा कर पलट गए ,
इतिहास को यूँ तिरोहित कर गए !
अब  समय ,  हवाएं और तूफान है ,
कुछ कहानी बन गए कुछ कहानी कह गए !!


संस्कृति गाये गान मुखरित हो ,
पन्नों पर स्वर्णिम साहित्य रचित हो !
वह देश बनाये  सुखद भविष्य ,
जिसके जन सुघड़ सुसंस्कृत हो !!


नन्ही लेखनी से सजे प्यारे पन्ने ,
बैंगन ,घर, तितली ,बिल्ली के पन्ने !
नन्हीं कलम के पन्ने दीवाल हो या आँगन ,
यहाँ वहाँ सभी दूर सजते नन्हों के पन्ने !!





















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