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Kaavya
Saturday, May 3, 2014
गगन सेज पर रजनी ने ……सितारोँ को सहलाया !
मीठी मीठी लोरी सुना जब… उनका ज़ी बहलाया !!
नींद गहरी थी गाल लाल थे दिनकर थे जब आये !
ऊषा की धीमी बयार ने तारों को गहरी नीँद सुलाया !!……तनुजा ''तनु ''
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