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Sunday, August 27, 2017

नुगरा संत ;






जुटा भीड़ राज कर ले,  बन जा नुगरा संत ; 

ले झूठी दरियादिली ,     आग लगा निर्बंध ! 

आग लगा निर्बंध,   जितना गिर सके गिर जा ;

डरा दीन ईमान         बेबस साँच से भिड़ जा  !! 

पर इतना तू जान       एक दिन तू रहे घुटा ;

आज बेच ईमान     चाह जितनी भीड़ जुटा !!... ''तनु''

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