कहाँ नहीं तू
केशव कहाँ नहीं है विश्वास कीजिये !
माधव जहाँ नहीं है निष्कास कीजिये !!
टूटे हुए पतवार हैं माझी भी नहीं !
कैसे ही होगी पूरी ये आस कीजिये !!
ढूँढा कहाँ कहाँ न नज़र तू आ रहा !
कण कण रचा बसा तेरा वास कीजिये !!
माया रची सजा जहां तेरा उजास ले !
इक पल उदास इक पल उल्लास कीजिये !!
रास !!! रास आये ऐसी रसमय रात दे !
माया रची सजा जहां तेरा उजास ले !
इक पल उदास इक पल उल्लास कीजिये !!
रास !!! रास आये ऐसी रसमय रात दे !
सबके साथ ही है वो आभास कीजिये !!... ''तनु ''
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