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Friday, August 11, 2017

कहाँ नहीं तू 

केशव कहाँ नहीं है विश्वास कीजिये !
माधव जहाँ नहीं है निष्कास कीजिये !! 

टूटे हुए पतवार हैं माझी भी नहीं !
कैसे ही होगी पूरी ये आस कीजिये !!

ढूँढा कहाँ कहाँ न नज़र तू आ रहा !
कण कण रचा बसा तेरा वास कीजिये !!

माया रची सजा जहां तेरा उजास ले !
इक पल उदास इक पल उल्लास कीजिये !!

रास !!! रास आये ऐसी रसमय रात दे !
सबके साथ ही है वो आभास कीजिये  !!... ''तनु ''

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