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Tuesday, August 29, 2017
डूबी लुटिया,
धर्म की डूबी लुटिया, नुगरे संत कहाय ;
सोय बिछौने काम के, सुंदरियाँ सहलाय !
सुंदरियाँ सहलाय, पाप का उबटन मलते;
कभी खून करवाय छाँह में गुर्गे पलते !
जाने है संसार , जब जब बढ़े बुरे कर्म ;
लेते हैं अवतार, भगवान बचाने धर्म !... ''तनु''
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