गुड़ का गोबर कर गए, अपनी ढप्प बजाय !
तूती की आवाज में , अपना राग सुनाय !!
अपना राग सुनाय !! ठंढी छछिया फूँकते,
जला दूध का रोय, कर्ज दूध का भूलते !
कर सिँह दृष्टिपात, जिंदगी देखिये मुड़,
कर सिँह दृष्टिपात, जिंदगी देखिये मुड़,
सारे फ़र्ज़ निभाय , जिंदगी शहद और गुड़ !! ,, ''तनु ''
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