''भादवा री झड़ी लागे ''
1
बावरा !!
पत्ता झूमे
हवा गावे है
गीत !!
मिली ने
स्वागत करां
चालो
निभावां रीत !
2
पलंग तोड़े है
सूरज जी
1
बावरा !!
पत्ता झूमे
हवा गावे है
गीत !!
मिली ने
स्वागत करां
चालो
निभावां रीत !
2
पलंग तोड़े है
सूरज जी
घणी वरसार्ई
लाय !!
लो मनमानी
वरसात री
छम से दई
बुझाय !!
3
समी साँझ
से देखो तो
कसुमल वयो
अकास ,
बन कानन
नंदन भयो
हुई गी
साता निरात
झूम उठ्यो
संसार !!
4
संदेसो
पीहू पीहू पाछे
त्राहि त्राहि मची
अंधारो जाणे पड्यो
वई गी ज्यूँ रात
जगत में
संकट पड़ग्या
जीव !!
5
काजर आंजी ने
आँख्यां में
वादरा दौड्या
आवे
थोड़ीक सी देर में
सूखी धरती री
प्यास बुझावै
वई जायआँगणा
धुळ्या थका
साफ़ सुथरा !!
6
सूरज भई ने पूछो
आजकल क्यों
सरमावे !!!
कदि कदि तो
लाली वना
वि आगास में
आवे ,...
केवे, ...
कद से उठ्यो हूँ,...
झूठ बोली ने
आपणा से
वतरावे !!
बात सुणी ने
सूरज री
जाता थका
वादरा
पाछा आवे ने
पर्दो नाखी जावे
सूरज पे
म्हे वरसाँगा
असो के है ,,,
जाओ थे ,,
आराम करो
भादवा री झड़ी लागे , .. ''तनु''
लाय !!
लो मनमानी
वरसात री
छम से दई
बुझाय !!
3
समी साँझ
से देखो तो
कसुमल वयो
अकास ,
बन कानन
नंदन भयो
हुई गी
साता निरात
झूम उठ्यो
संसार !!
4
संदेसो
पीहू पीहू पाछे
त्राहि त्राहि मची
अंधारो जाणे पड्यो
वई गी ज्यूँ रात
जगत में
संकट पड़ग्या
जीव !!
5
काजर आंजी ने
आँख्यां में
वादरा दौड्या
आवे
थोड़ीक सी देर में
सूखी धरती री
प्यास बुझावै
वई जायआँगणा
धुळ्या थका
साफ़ सुथरा !!
6
सूरज भई ने पूछो
आजकल क्यों
सरमावे !!!
कदि कदि तो
लाली वना
वि आगास में
आवे ,...
केवे, ...
कद से उठ्यो हूँ,...
झूठ बोली ने
आपणा से
वतरावे !!
बात सुणी ने
सूरज री
जाता थका
वादरा
पाछा आवे ने
पर्दो नाखी जावे
सूरज पे
म्हे वरसाँगा
असो के है ,,,
जाओ थे ,,
आराम करो
भादवा री झड़ी लागे , .. ''तनु''
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