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Thursday, August 3, 2017
भणाई
कसी भणाई राम जी, दूर जाय औलाद !
रोटी मिले नि बखत पे ,टूट जाय फौलाद !!
टूट जाय फौलाद , पड्या पापड़ बेलणा !
नींद गई जी भाग, अबर भूल्या खेलणा !!
नयो नयो है राग, दन है नी रातां वसी !
बदल गयो संसार , जिंदगी वई गी कसी !!... ''तनु ''
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