वायरो चाले तो वगीचो भी चावे है !
फुँवारा गुनगुनावे रुँख भी गावे है !!
सावण में नखरा कींका नी चाले !
सजनी जी रूठे सजण मनावे है !!
कदि वे विजळी री आँख मिचोली !
शीतल है मौसम मोर भी नाचे है !!
मिह वरसे तो झूम गयी धरती भी !
करसाण ख़ुशी से बिजवारो वावे है !!
नुती ने लाया घणा दन में बरखा !
खुशी लावे असो हरकारो आवे है !!
बलिहारी प्रभु थारी लीला है न्यारी !
शिव आवे साथे पारबती ने लावे है !!... ''तनु ''
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