साथ सबके रहा हूँ ऊलजलूल हूँ !
प्यार कर लो मुझे मैं एक शूल हूँ !!
मुस्कुराने की सजा यूँ मुझे मिली !
कि ड़ाल से बिछड़ा हुआ फूल हूँ !!
चाँद हूँ बादलों ने है घेरा हुआ !
छुप रहा ज्यूँ गगन की मैं धूल हूँ !!
मैं प्यासे दिलों की हूँ राहत नहीं !
कैसे मिला दूँ मैं खुद ही कूल हूँ !!
पतझड़ गया कोंपलें आयी नहीं !
शायद वो भूला मैं वही भूल हूँ !!
माटी से पोषित हूँ माटी ही पाले !
क्या करूँ मैं सूखा हुआ मूल हूँ !!.... तनु
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