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Friday, August 4, 2017

ऊलजलूल,




साथ सबके रहा हूँ ऊलजलूल हूँ !
प्यार कर लो मुझे मैं एक शूल हूँ !!

मुस्कुराने की सजा यूँ मुझे मिली !
कि ड़ाल से बिछड़ा हुआ फूल हूँ !!

चाँद हूँ  बादलों ने है घेरा हुआ  !
छुप रहा ज्यूँ गगन की मैं धूल हूँ !!

मैं प्यासे दिलों की हूँ राहत नहीं !
कैसे मिला दूँ  मैं खुद ही कूल हूँ !!

पतझड़ गया कोंपलें आयी नहीं !
शायद वो भूला मैं वही भूल हूँ !!

माटी से पोषित हूँ माटी ही पाले  ! 
क्या करूँ मैं सूखा हुआ मूल हूँ !!.... तनु 


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